मासूम बेटे का शव सीने से चिपटाए घर ले जाता पिता
मासूम बेटे का शव सीने से चिपटाए घर ले जाता पिता
दादी पोते का मुंह देखना चाहती थी इसलिए 24 घंटे पहले मरे मासूम की लाश सीने से लिपटाए एक पिता भागा जा रहा था.
अंबाला पंजाब से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के लिए निकला रास्तें में 4 साल के बेटे की मौत हो गई.
मौत के 24 घंटे बाद तक पिता बेटे को सिर्फ इसलिए चिपकाकर घर ले जा रहा था
पत्रकार फरीद शम्शी मजदूरों पर रिपोर्ट के लिए मूंढापांडे थाना क्षेत्र गए तो पीड़ित पिता से मुलाकात हो गई. पत्रकार फरीद के अनुरोध पर एक समाजसेवी ने नाम न छापने की शर्त पर एक प्राइवेट गाड़ी से उक्त मजदूर परिवार को उनके गांव भिजवाया।
पत्रकार फरीद बताते हैं कि पीलीभीत के बीसलपुर के रहने वाले एक परिवार अपने 4 साल के बच्चे को कंधे पर सुलाने वाले अंदाज़ में तेज़ी से लेकर जा रहे थे। मैंने उन्हें रोककर बात करनी चाही, तो उस शख्स ने मेरे आगे अपने हाथ जोड़ दिए, और मुझे कहने लगा बाबू जी हमारी फ़ोटो मत लो।
मैंने उनसे पूछा बाबा क्या हो गया, तब उस शख्स ने रोते-रोते जो बताया उससे में शर्म से पानी हो गया। उस शख्स ने बताया कि वो अंबाला से आ रहा है। 14 मई गुरूवार को रास्ते मे उसका 4 साल का बीमार बच्चा इस दुनिया से चला गया।
रास्ते में उसे एक भले आदमी ने 500 रुपये दिए खाने का सामान दिया और मुरादाबाद के कांठ तक आ रहे एक वाहन में पुलिस की मदद से बैठा दिया। उस भले आदमी ने कहा कि अगर इस बच्चे की मौत की ख़बर किसी को लग गई तो इसका पोस्टमार्टम होगा। तुम्हे भी 14 दिन के लिये बंद कर देंगे।
इसीलिये बाबू जी बस सुबह से लगातार बच्चे के शव को कंधे पर डालकर जल्दी से जल्दी अपने गांव पहुंचना चाहतें है। अगर बाबू जी आपने हमारी फ़ोटो ले ली तो हम पकड़े जाएंगे।
सुशील मानव
दादी पोते का मुंह देखना चाहती थी इसलिए 24 घंटे पहले मरे मासूम की लाश सीने से लिपटाए एक पिता भागा जा रहा था.
Dyed majdur son |
अंबाला पंजाब से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के लिए निकला रास्तें में 4 साल के बेटे की मौत हो गई.
मौत के 24 घंटे बाद तक पिता बेटे को सिर्फ इसलिए चिपकाकर घर ले जा रहा था
पत्रकार फरीद शम्शी मजदूरों पर रिपोर्ट के लिए मूंढापांडे थाना क्षेत्र गए तो पीड़ित पिता से मुलाकात हो गई. पत्रकार फरीद के अनुरोध पर एक समाजसेवी ने नाम न छापने की शर्त पर एक प्राइवेट गाड़ी से उक्त मजदूर परिवार को उनके गांव भिजवाया।
पत्रकार फरीद बताते हैं कि पीलीभीत के बीसलपुर के रहने वाले एक परिवार अपने 4 साल के बच्चे को कंधे पर सुलाने वाले अंदाज़ में तेज़ी से लेकर जा रहे थे। मैंने उन्हें रोककर बात करनी चाही, तो उस शख्स ने मेरे आगे अपने हाथ जोड़ दिए, और मुझे कहने लगा बाबू जी हमारी फ़ोटो मत लो।
मैंने उनसे पूछा बाबा क्या हो गया, तब उस शख्स ने रोते-रोते जो बताया उससे में शर्म से पानी हो गया। उस शख्स ने बताया कि वो अंबाला से आ रहा है। 14 मई गुरूवार को रास्ते मे उसका 4 साल का बीमार बच्चा इस दुनिया से चला गया।
रास्ते में उसे एक भले आदमी ने 500 रुपये दिए खाने का सामान दिया और मुरादाबाद के कांठ तक आ रहे एक वाहन में पुलिस की मदद से बैठा दिया। उस भले आदमी ने कहा कि अगर इस बच्चे की मौत की ख़बर किसी को लग गई तो इसका पोस्टमार्टम होगा। तुम्हे भी 14 दिन के लिये बंद कर देंगे।
इसीलिये बाबू जी बस सुबह से लगातार बच्चे के शव को कंधे पर डालकर जल्दी से जल्दी अपने गांव पहुंचना चाहतें है। अगर बाबू जी आपने हमारी फ़ोटो ले ली तो हम पकड़े जाएंगे।
सुशील मानव
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