14 दिन क्वारैंटाइन में रहना जरूरी, 7 दिन का खर्च खुद वहन करना होगा; प्रेग्नेंट और 10 साल से कम उम्र के पेरेंट्स को सशर्त छूट
विदेश से आने वालों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इनके मुताबिक, 14 दिन क्वारैंटाइन अनिवार्य होगा। इसमें से 7 दिन सरकार द्वारा तय किए सेंटर में, जबकि 7 दिन होम आईसोलेशन में रहना होगा। सरकार द्वारा तय सेंटर में क्वारैंटाइन रहने में आने वाला खर्च खुद व्यक्ति को ही वहन करना होगा।
गाइडलाइन की ये शर्तें:
1. प्लेन में बैठने से पहले पैसेंजर को लिखित में यह देना होगा कि वो 14 दिन क्वारैंटाइन में रहने तैयार है। इसमें 7 दिन वो अपने खर्च पर सरकार द्वारा तय किए सेंटर में रहेगा। बाकी 7 दिन होम आईसोलेशन में रहेगा। इस दौरान उसे अपनी सेहत पर खुद नजर रखनी होगी।
2. इस मामले में कुछ अपवाद रहेंगे। तनावग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, 10 साल से छोटे बच्चों के साथ पैरेंट्स। इन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इन लोगों के लिए 14 दिन का होम क्वारैंटाइन पीरिएड रह सकता है। इस दौरान आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल जरूरी यानी मेंडेटरी होगा।
3. यात्रा के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। इसकी जानकारी टिकट के साथ ही संबंधित एजेंसियां यात्रियों को देंगी।
4. सभी यात्रियों को ये सलाह दी जाती है कि वो अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप इन्सटॉल करें।
5. फ्लाइट या शिप में चढ़ने (बोर्डिंग) के वक्त हर पैसेंजर की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सिर्फ उनको यात्रा की मंजूरी दी जाएगी जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होंगे।
6. सड़क के रास्ते देश में प्रवेश करने वाले लोगों को भी ऊपर दिए गए नियमों का पालन करना होगा। यहां भी उन्हीं लोगों को देश की सीमा में आने की मंजूरी होगी जिनमें रोग के लक्षण नहीं होंगे।
7. एक सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भी दो कॉपियों में भरना होगा। इसकी एक कॉपी इमीग्रेशन सेंटर पर जमा करानी होगी। यह सेंटर हर एयरपोर्ट, बंदरगाह और लैंड बॉर्डर के एंट्री पॉइंट पर होंगे। यह फॉर्म आरोग्य सेतु ऐप पर भी उपलब्ध है।
8. सभी जरूरी ऐहतियात बरतने होंगे। एयरपोर्ट और फ्लाइट में सैनिटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन की व्यवस्था करनी होगी।
9. बोर्डिंग और एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी होगा।
10. एयरपोर्ट, बंदरगाह या लैंड बॉर्डर चेक पॉइंट पर कोविड-19 से संबंधित अनाउंसमेंट करना जरूरी होगा।
विदेश से आने वालों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इनके मुताबिक, 14 दिन क्वारैंटाइन अनिवार्य होगा। इसमें से 7 दिन सरकार द्वारा तय किए सेंटर में, जबकि 7 दिन होम आईसोलेशन में रहना होगा। सरकार द्वारा तय सेंटर में क्वारैंटाइन रहने में आने वाला खर्च खुद व्यक्ति को ही वहन करना होगा।
गाइडलाइन की ये शर्तें:
1. प्लेन में बैठने से पहले पैसेंजर को लिखित में यह देना होगा कि वो 14 दिन क्वारैंटाइन में रहने तैयार है। इसमें 7 दिन वो अपने खर्च पर सरकार द्वारा तय किए सेंटर में रहेगा। बाकी 7 दिन होम आईसोलेशन में रहेगा। इस दौरान उसे अपनी सेहत पर खुद नजर रखनी होगी।
2. इस मामले में कुछ अपवाद रहेंगे। तनावग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, 10 साल से छोटे बच्चों के साथ पैरेंट्स। इन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इन लोगों के लिए 14 दिन का होम क्वारैंटाइन पीरिएड रह सकता है। इस दौरान आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल जरूरी यानी मेंडेटरी होगा।
3. यात्रा के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। इसकी जानकारी टिकट के साथ ही संबंधित एजेंसियां यात्रियों को देंगी।
4. सभी यात्रियों को ये सलाह दी जाती है कि वो अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप इन्सटॉल करें।
5. फ्लाइट या शिप में चढ़ने (बोर्डिंग) के वक्त हर पैसेंजर की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सिर्फ उनको यात्रा की मंजूरी दी जाएगी जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होंगे।
6. सड़क के रास्ते देश में प्रवेश करने वाले लोगों को भी ऊपर दिए गए नियमों का पालन करना होगा। यहां भी उन्हीं लोगों को देश की सीमा में आने की मंजूरी होगी जिनमें रोग के लक्षण नहीं होंगे।
7. एक सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भी दो कॉपियों में भरना होगा। इसकी एक कॉपी इमीग्रेशन सेंटर पर जमा करानी होगी। यह सेंटर हर एयरपोर्ट, बंदरगाह और लैंड बॉर्डर के एंट्री पॉइंट पर होंगे। यह फॉर्म आरोग्य सेतु ऐप पर भी उपलब्ध है।
8. सभी जरूरी ऐहतियात बरतने होंगे। एयरपोर्ट और फ्लाइट में सैनिटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन की व्यवस्था करनी होगी।
9. बोर्डिंग और एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी होगा।
10. एयरपोर्ट, बंदरगाह या लैंड बॉर्डर चेक पॉइंट पर कोविड-19 से संबंधित अनाउंसमेंट करना जरूरी होगा।
কোন মন্তব্য নেই